College Love Story in Hindi सागर की ख़ुशी का ठिकाना नही था वैलेंटाइन का यह दिन उसकी जिंदगी का सबसे यादगार दिन बन गया। शिखा को पाकर वो खुद को सबसे खुशनसीब समझने लगा। College Story in Hindi
College Love Story in Hindi |College Story in Hindi
सागर चौधरी एक मध्यमवर्गीय परिवार का लड़का था। पढाई में अच्छा होने के साथ-साथ वो हैंडसम और बहुत ही अट्रैक्टिव भी था। 12th में अच्छे मार्क्स की वजह से उसे शहर के बेस्ट कॉलेज में एडमिशन मिल गया था।
शशांक सिंह जो सागर का बहुत अच्छा दोस्त था एक रिच फैमिली से बिलॉन्ग करता था, वो उसी कॉलेज में पढ़ता था। शशांक के पापा एक सफल बिजनेसमैन थे, तो उसके घर में किसी चीज की कमी नही थी। शशांक के पास खुद की एक कार थी जिससे वो कॉलेज या घूमने-फिरने जाता था। शशांक की अमीरी की वजह से कॉलेज की लड़कियां खूब इम्प्रेस्ड थीं शशांक से।
शशांक दिल का अच्छा लड़का था। वो सागर को अपने भाई जैसा समझता था। दोनों साथ में शशांक की कार में घूमते और कॉलेज आते-जाते थे। सागर को अच्छे और महंगे गिफ्ट्स देना शशांक को अच्छा लगता था। कॉलेज में बाकी स्टूडेंट्स सागर को भी अमीर समझते थे।
शशांक के जन्मदिन की बात है, उसने अपने जन्मदिन पर एक शानदार पार्टी अरेंज की थी। कॉलेज के काफी स्टूडेंट्स आये हुए थे पार्टी में, उनमे से एक वो भी थी जिसने उस रात सागर को बेचैन कर दिया, शिखा नाम था उसका। इतनी खूबसूरत की अप्सराएं भी शर्मा जायें, बड़ी-बड़ी सुन्दर आंखें, लम्बे काले बाल, सुन्दर बदन, कुल मिलाकर क़यामत थी वो। पार्टी में सभी की निगाहें शिखा को ही घूर रही थीं।
सागर ने उसे देखा और पहली नजर में ही उसे प्यार हो गया। कुछ देर तक वो शिखा को देखता ही रह गया। सागर शिखा से बात करना चाहता था पर सबके सामने उसे घबराहट हो रही थी, फिर भी उसने हिम्मत जुटाई और शिखा के पास गया, पर फिर उसकी हिम्मत ने जवाब दे दिया वो कुछ नही बोल सका। पर सागर के दिल में एक चाहत की आग लग चुकी थी।
अगले दिन कॉलेज में सागर के पूछने पर शशांक ने बताया की शिखा उसी कॉलेज में साइकोलॉजी की स्टूडेंट है और काफी अमीर परिवार से है। सागर ने अपने मन की बात शशांक को बता दी। शशांक एक अच्छे दोस्त की तरह दोनों की फ्रेंडशिप करवाने की सोचने लगा। कुछ दिन सागर के बेचैनी में कटे और फिर वो दिन भी आ गया जब शशांक की कोशिश रंग लाई और उन दोनों की फ्रेंडशिप हो गई।
सागर और शिखा की दोस्ती के कुछ और दिन बीत गए पर सागर अपने दिल की बात शिखा से कह पाने की हिम्मत नही जुटा सका। शशांक को भी सागर चिंता होने लगी।
14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे का दिन था, यह शशांक को सही मौका लगा सागर के लिए। उसने सागर को समझाया की आज का दिन सबसे बेस्ट है शिखा को प्रोपोज़ करने का, जा और उसे अपने दिल की बात बता दे। सागर को शशांक की बात सही लगी और उसे सोचा कब तक अपना प्यार दिल में दबाये रखूँगा आज बोल ही देता हूँ , फिर जो होगा देखा जायेगा।
शशांक ने सरे इंतेजाम कर दिए थे अब सागर की बारी थी। सागर और शिखा काफी टाइम से एक अच्छे दोस्त थे, अब बस सागर को अपने प्यार का इजहार करना था शिखा के सामने।
जब शिखा आई तो उसे देखते ही सागर का मन हुआ की शिखा को गले लगा ले और आई लव यू बोल दे, पर उसने खुद पर कंट्रोल रखा और शिखा को हाय बोल कर कुछ देर उससे बात की फिर उसने अपने दिल की बात शिखा से बताई और उसने प्रोपोज़ कर दिया।
सागर काफी हैंडसम था और शिखा भी उसे मन ही मन चाहने लगी थी। सागर के प्रोपोज़ करते ही शिखा की धड़कने बढ़ गईं, शर्म से उसकी बड़ी और सुन्दर आंखें झुक गई। शरमाते हुए उसने अपनी खूबसूरत गुलाबी होंठों से मुस्कुराते हुए हाँ बोल दिया। दोनों खुश थे और उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया।
सागर की ख़ुशी का ठिकाना नही था वैलेंटाइन का यह दिन उसकी जिंदगी का सबसे यादगार दिन बन गया। शिखा को पाकर वो खुद को सबसे खुशनसीब समझने लगा। सभी ने उस दिन खूब जशन मनाया।
समय बीतता गया और कॉलेज का एक और साल बीत गया। अगले वैलेंटाइन के दिन भी शशांक ने सरे अरेंजमेंट कर दिए सागर और शिखा के लिए। शिखा को लेकर शशांक की कार में सागर घूमने निकला, दोनो पुरे दिन घूमते रहे और कब शाम हो गई पता ही नही चला।
कार में ही बाते करते हुए एक समय ऐसा आया जब सागर को लगा की शिखा उसे किश करना चाह रही है क्युकी शिखा लगातार उसके चेहरे की तरफ झुकती जा रही थी। सागर को भी कंट्रोल नही हुआ उसने कार रोक दी और शिखा के गुलाबी होंठों पर एक किश किया। शिखा को अच्छा लगा और शर्म छोड़कर उसने सागर को कस के पकड़ लिया और लगातार किश करने लगी।
अब दोनों के अंदर की आग भड़क उठी थी, उनका खुद पर कंट्रोल नही था। दोनो एक दूसरे में डूब जाने को तैयार थे। दोनो ने जमकर प्यार किया, हर एक अंग को किश किया और वो सब कुछ किया जो हमारे समाज में शादी के बाद करते हैं। जब दोनो के अंदर की आग ठंडी हो गई तब वे घर लौट आये।
ये वाला वैलेंटाइन दोनो का और भी शानदार रहा।
समय अपनी गति से आगे बढ़ रहा था। कॉलेज ख़त्म हो चूका था। सागर को अच्छी जॉब मिल चुकी थी, शशांक अपने फैमिली बिज़नेस में इन्वॉल्व हो गया था पर शिखा को अभी और पढाई करनी थी।
सागर की जॉब की वजह से अब शिखा से काम ही मिल पाता था पर जब भी मौका मिलता दोनो जरूर मिलते थे। जहाँ सागर बहुत ही सिंसियर और परवाह करने वाला लड़का था वहीं शिखा मस्त मौला स्वाभाव की थोड़ी जिद्दी और बेपरवाह लड़की थी। सागर की एक खास आदत थी डायरी लिखना, उसमें वो अपनी और शिखा की भी हर बात लिखता था।
एक बार संडे के दिन जब वो मिले तब सागर ने शिखा से शादी की बात कही। पर शिखा की बात सुनकर सागर हैरान रह गया।
शिखा ने बोला “मुझे अभी बहुत कुछ करना है, मुझे स्टडी के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना है अगले महीने। मैंने जो टाइम बिताया तुम्हारे साथ वो बहुत अच्छा था इसे भूल नही पाऊँगी मैं। कॉलेज का सबसे हैंडसम और इंटेलिजेंट लड़का मेरा बॉयफ्रेंड था, मेरे लिए बड़ी बात है। लेकिन हम दोनो का स्टेटस मैच ही नही करता। आई एम सॉरी पर मैंने कभी तुमसे शादी करने के बारे में सोचा भी नही।”
शिखा की बात सुनकर सागर एकदम सुन्न हो गया, वो बस सुनता ही रहा उसके मुँह से कोई आवाज नही निकल रही थी वो कुछ बोल नहीं पा रहा था। वो बस उठा और वहां से चला आया।
सागर हर पल उदास और मायूस रहने लगा, उसका स्वाभाव चिड़चिड़ा होने लगा। किसी काम में उसका मन नही लगता। उसके घर वालों को भी उसकी चिंता होने लगी। शशांक ने उसकी हालत देखते हुए उसे समझाया और जीवन में आगे बढ़ने की सलाह दी।
समय बीतता गया और सागर के दिल के जख्म भरते चले गए, वो भी अपने परिवार और जॉब में व्यस्त हो गया। घर वालों ने एक साधारण पर सुन्दर और पढ़ी लिखी सुप्रिया नाम की लड़की से सागर की शादी कर दी। अपने नाम की तरह वो परिवार में जल्दी ही सबकी प्यारी बन गई।
उसका सरल स्वाभाव और मीठी बोली ने सबका मन मोह लिया, पर सुप्रिया को सागर के प्यार में कमी महसूस होती थी। उसे सागर से इतना प्यार नही मिलता था जितना वो डिज़र्व करती थी। सुप्रिया को कुछ भी समझ नही आ रहा था क्योकि सागर का स्वभाव और उसके साथ व्यवहार बहुत अच्छा था, बस प्यार में कमी महसूस होती थी।
सागर अभी भी शिखा को पूरी तरह भूल नही पा रहा था।
एक दिन कमरे की साफ सफाई करते हुए सागर की डायरी सुप्रिया के हाथ लगी। सुप्रिया ने पूरी डायरी पढ़ ली और उसे सब समझ कुछ समझ आ गया था। उसने किसी को कुछ नही बताया क्योकि सब अपने हिसाब से हैंडल करना चाहती थी। कुछ ही दिनों में वैलेंटाइन डे आने वाला था और सुप्रिया के मन में एक प्लान आया। उसने इस वैलेंटाइन को भी सागर के लिए यादगार बनाने की सोची।
आखिर वो दिन भी आ ही गया। सागर के ऑफिस जाने के बाद सुप्रिया ने अपने कमरे को गुब्बारों और गुलाब के फूलों से खूब सुन्दर सजा दिया और अपने हाथों से सुन्दर केक बनाया। रात को दिए और मोमबत्ती जलाकर कमरे को और भी खूबसूरत और खुशनुमा बना दिया सुप्रिया ने और फिर सागर के आने का इंतजार करने लगी।
उस दिन सागर को अपने पुराने वैलेंटाइन डे याद आ रहे थे शायद इसी लिए वो रात बहुत लेट घर आया। जैसे ही सागर उदास मन के साथ अपने कमरे में आया तो वो देखता ही रह गया। कमरा खूबसूरत फूलों की खुश्बू और दिए उजाले में सुप्रिया के प्यार से महक और जगमगा रहा था। अभी सागर कुछ समझ पता इससे पहले ही सुप्रिया उसके सामने घुटनों के बल बैठ गई और सागर को एक गुलाब देते हुए बोली will you be my valentine |
सागर को अपनी गलती का अहसास हुआ, उसने सुप्रिया को उठाया और गले लगा लिया। दोनों का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था और आंखे भी नम थीं। सुप्रिया ने डायरी के बारे में सागर को बता दिया।
सागर ने फिर से सुप्रिया का हाथ पकड़ा और गले लगते हुए जीवन भर प्यार करने का वादा किया और माफी भी मांगी।
आज सागर को सच्चे प्यार का अहसास हुआ था।