Best Hindi Moral Stories for Kids – बच्चो के लिए सर्वश्रेष्ट हिंदी नैतिक कहानियां

हिंदी कहानियों में लोक कथाएं, पंचतंत्र की कहानियां, पशु-पक्षियों पर आधारित कहानियां (Animal Stories in Hindi), नैतिकता पर आधारित कहानियां (Moral Stories in hindi) और कल्पनाप्रधान कहानियां (Bedtime Stories for kids in hindi) शामिल होती हैं। ये सभी Best Hindi Moral Stories for Kids कहानियां बच्चों को बेहद पसंद आती हैं। कहानियाँ सुनने से बच्चों का शब्द भंडार बढ़ता है।

बच्चों की परवरिश में हिंदी कहानियां एक अहम भूमिका निभाती हैं। माता-पिता के लिए बच्चों को सुंदर और प्रेरणादायक हिंदी कहानियां सुनाना एक बेहतरीन अनुभव हो सकता है। हिंदी की कहानियां (stories for kids in hindi) बच्चों की कल्पना शक्ति को बढ़ाती हैं और उन्हें जीवन के मूल्यों से रू-ब-रू कराती हैं। चाहे पंचतंत्र की रोचक कहानियां हों या जंगली जानवरों पर छोटी मजेदार कहानियां, बच्चों को हिंदी में लिखी गई कहानियां (kids story in hindi) बेहद पसंद आती हैं।

इन कहानियों के माध्यम से माता-पिता अपने बच्चों को समाज के मूल्यों और जीवन के नैतिक पाठों के बारे में प्रेरणादायक ढंग से शिक्षा दे सकते हैं।
कहानियाँ बच्चों की दुनिया का एक अभिन्न अंग हैं। माता-पिता या दादा-दादी द्वारा सुनाई जाने वाली हिंदी कहानियाँ बच्चों की कल्पना शक्ति को बढ़ाती हैं और उनके संज्ञानात्मक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

ये उन्हें हिंदी भाषा (Hindi Language) के बेहतर ज्ञान के साथ-साथ पठन और लेखन कौशल का विकास करने में मदद करती हैं। इसके अलावा कहानियों के माध्यम से बच्चों को समाज और संस्कृति से जुड़े मूल्यों (Moral Values) के बारे में भी जानकारी मिलती है। ये कहानियां बच्चों का मनोरंजन करते हुए उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण सबक (moral stories for kids in hindi) सिखाती हैं।


Table of Contents

Top Moral Stories for Kids in Hindi


ईमानदारी का फल (Moral Stories for Kids in Hindi)

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ईमानदारी का फल

एक छोटे से गाँव में रामू नाम का एक गरीब लड़का रहता था। उसके पिता एक किसान थे और माँ घरेलू महिला। रामू अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। वह बहुत ही मेहनती और ईमानदार था। उसके माता-पिता ने उसे हमेशा अच्छाई और सच्चाई का पाठ पढ़ाया था।

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एक दिन, रामू स्कूल से घर लौट रहा था, तभी उसे रास्ते में एक बटुआ पड़ा हुआ मिला। उसने बटुए को उठाया और देखा कि उसमें काफी सारे पैसे थे। रामू ने सोचा, “यह पैसे तो किसी के बहुत काम आ सकते हैं। मुझे इसे उसके मालिक तक पहुँचाना चाहिए।” उसने बटुए में रखे पते को देखा और उस दिशा में चल पड़ा। वह पता गाँव के एक धनी व्यापारी का था।

रामू ने उनके घर जाकर दरवाजा खटखटाया। व्यापारी ने दरवाजा खोला और रामू को देखकर आश्चर्यचकित हुआ। रामू ने विनम्रता से बटुआ उन्हें वापस कर दिया। व्यापारी ने बटुआ खोलकर देखा और पाया कि सभी पैसे सुरक्षित थे। वह रामू की ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुए।

व्यापारी ने रामू से पूछा, “तुम्हें पता था कि इस बटुए में इतने सारे पैसे हैं, फिर भी तुमने इसे वापस कर दिया। तुमने ऐसा क्यों किया?” रामू ने जवाब दिया, “सर, मेरे माता- पिता ने मुझे सिखाया है कि ईमानदारी सबसे बड़ी दौलत है। यह पैसा मेरा नहीं है, इसलिए मैं इसे आप तक वापस लाया ।”

व्यापारी रामू की बात सुनकर बहुत प्रसन्न हुए और उसे इनाम के रूप में कुछ पैसे दिए। उन्होंने रामू के माता-पिता से भी मुलाकात की और उनकी परवरिश की प्रशंसा की।

रामू ने उन पैसों से अपनी पढ़ाई पूरी की और बड़ा होकर एक सफल व्यक्ति बना। उसने समाज में ईमानदारी और अच्छाई का महत्व समझाया और सभी को प्रेरित किया।

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कहानी की सीख – Moral of the story


इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि ईमानदारी हमेशा फल देती है और अच्छाई का मार्ग हमेशा सफलता की ओर ले जाता है। रामू की कहानी आज भी गाँव में एक मिसाल के रूप में सुनाई जाती है।

सच्चा दोस्त (Short moral stories for kids in hindi)

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एक घने जंगल में एक हिरण और खरगोश बहुत अच्छे दोस्त थे। हिरण का नाम था चंचल और खरगोश का नाम था बुद्ध। चंचल अपनी तेज़ी और सुंदरता के लिए जाना जाता था, जबकि बुद्धू अपनी चतुराई के लिए। वे दोनों रोज़ जंगल में खेलते और एक-दूसरे का साथ बहुत एन्जॉय करते।

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एक दिन, जब वे खेल रहे थे, एक शिकारी ने चंचल को देखा और उसे पकड़ने की सोची। शिकारी ने चुपके से चंचल के पास जाल बिछाया और उसे पकड़ लिया। चंचल जाल में फंस गया और बहुत डर गया। उसने बुद्धू को मदद के लिए पुकारा। बुद्धू ने देखा कि चंचल मुसीबत में है और उसने तुरंत एक योजना बनाई।

वह शिकारी के पास गया और उसे दूसरी दिशा में भटकाने लगा। बुद्धू ने शिकारी को दूर एक और हिरण के होने का झूठा विश्वास दिलाया। शिकारी बुद्ध के झांसे में आ गया और उस दिशा में चला गया। इस बीच, बुद्धू ने चंचल को जाल से मुक्त कर दिया।

जब शिकारी वापस आया, तो उसने देखा कि चंचल जाल से गायब था। वह बहुत गुस्से में था, लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आया। उधर, चंचल और बुद्ध जंगल की गहराई में भाग गए और सुरक्षित थे। इस घटना के बाद, चंचल और बुद्धू की दोस्ती और भी मजबूत हो गई।

चंचल ने बुद्ध की चतुराई और साहस की बहुत प्रशंसा की। बुद्धू ने चंचल से कहा, “दोस्ती में सबसे बड़ी बात एक-दूसरे की मदद करना है, और मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”

चंचल और बुद्ध की कहानी आज भी जंगल में सच्ची दोस्ती की मिसाल के रूप में सुनाई जाती है।

कहानी की सीख – Moral of the story

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चा दोस्त वही होता है जो मुसीबत के समय में आपका साथ नहीं छोड़ता और हमेशा आपकी मदद के लिए तैयार रहता है।

बुद्धिमान खरगोश (Moral story in hindi for kids)


एक घने जंगल में अनेक जानवर रहते थे। इस जंगल का राजा एक बहुत बड़ा और ताकतवर शेर था, जिसका नाम था सिंहासन। सिंहासन अपनी ताकत के घमंड में अक्सर अन्य जानवरों को परेशान करता और उन्हें डराता था। जंगल के सभी जानवर उससे बहुत डरते थे।

इसी जंगल में एक छोटा खरगोश भी रहता था, जिसका नाम चतुर था। चतुर अपनी बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता था। एक दिन, जब सिंहासन ने फिर से जानवरों को परेशान किया, तो चतुर ने तय किया कि वह इस समस्या का हल निकालेगा।

चतुर ने जंगल के सभी जानवरों को एकत्रित किया और उनसे कहा, “हमें अपने जंगल को शेर के आतंक से मुक्त कराना होगा। मेरे पास एक योजना है।” सभी जानवर चतुर की बात सुनकर उत्सुक हो गए। चतुर ने बताया, “मैं शेर को एक ऐसी जगह ले जाऊंगा, जहाँ उसे अपनी ही परछाई से लड़ना पड़ेगा।”

उसने जंगल के बीचों-बीच एक गहरे कुएँ की ओर इशारा किया। उसने योजना के अनुसार सभी जानवरों को अपनी-अपनी जगह पर तैनात कर दिया।

अगले दिन, चतुर शेर के पास गया और उससे बोला, “महाराज, जंगल के दूसरी तरफ एक और शेर आया है, जो आपसे भी ज्यादा ताकतवर है।” सिंहासन यह सुनकर गुस्से में भर गया और चतुर के साथ उस शेर से मिलने चल पड़ा। चतुर उसे उस कुएँ के पास ले गया और बोला, “देखिए, वह रहा दूसरा शेर।” सिंहासन ने कुएँ में झांका और अपनी ही परछाई को देखकर गुस्से में उस पर झपटा। इससे पहले कि वह समझ पाता, वह कुएँ में गिर गया।

जंगल के सभी जानवर चतुर की बुद्धिमत्ता की प्रशंसा करने लगे। उस दिन के बाद से, जंगल में फिर से शांति और सुख-शांति का वातावरण हो गया।

कहानी की सीख – Moral of the story

चतुर ने सभी को यह सिखाया कि बुद्धिमत्ता और सूझ-बूझ से किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है।

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चतुर चिड़िया (Story for kids in hindi)


एक घने जंगल में एक चिड़िया रहती थी, जिसका नाम चंचल था। चंचल अपनी चतुराई और सुंदर गाने के लिए जानी जाती थी। उसने अपना घोंसला एक ऊँचे पेड़ पर बनाया था, जहाँ उसके कुछ अंडे भी थे। वह अपने अंडों को बहुत प्यार करती थी और उनकी रक्षा करती थी।

एक दिन, एक शिकारी जंगल में आया। उसने चंचल के घोंसले को देखा और उसके अंडों को चुराने का फैसला किया। जब चंचल खाने की तलाश में , तब शिकारी ने घोंसले तक पहुँचने की कोशिश की। लेकिन चंचल बहुत चतुर थी। उसने शिकारी को देख लिया और तुरंत एक योजना बनाई।

वह जल्दी से वापस आई और शिकारी को देखकर जोर से चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर जंगल के अन्य पक्षी और जानवर वहाँ इकट्ठा हो गए। शिकारी जब तक अंडे तक पहुँच पाता, तब तक जंगल के अन्य जानवर वहाँ आ गए और शिकारी को घेर लिया। शिकारी डर के मारे भाग गया और चंचल के अंडे सुरक्षित रहे।

कहानी की सीख – Moral of the story

इस घटना से चंचल ने सभी को यह सिखाया कि चतुराई और साहस से किसी भी मुसीबत का सामना किया जा सकता है। उसकी बुद्धिमत्ता और साहस की कहानी जंगल में आज भी प्रसिद्ध है।

आलसी गधा (Moral story in hindi)


एक गाँव में एक किसान था, जिसके पास एक गधा था। गधे का नाम था आलसी । आलसी अपने नाम के अनुरूप ही बहुत आलसी था। वह हमेशा काम से बचने की कोशिश करता और दिन भर सुस्ताता रहता। किसान आलसी को खेतों में काम करने के लिए ले जाता, लेकिन आलसी हमेशा काम से जी चुराता।

एक दिन किसान ने आलसी को बहुत सारा सामान लादकर बाजार ले जाने के लिए कहा। आलसी ने सोचा कि अगर वह गिर पड़ेगा, तो किसान उसे काम से छुट्टी दे देगा। जैसे ही वे बाजार के रास्ते में थे, आलसी जानबूझकर गिर पड़ा और सारा सामान बिखर गया। किसान बहुत परेशान हुआ और उसे सामान फिर से लादना पड़ा। इस बार किसान ने आलसी पर और भी ज्यादा सामान लाद दिया।

आलसी को तब एहसास हुआ कि उसकी आलस्य की वजह से उसका काम और भी बढ़ गया है। उसने समझा कि काम से बचने की कोशिश में उसे और अधिक परिश्रम करना पड़ा।

उस दिन के बाद, आलसी ने कभी भी काम से जी नहीं चुराया और हमेशा मेहनत से अपना काम किया।

कहानी की सीख – Moral of the story

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि आलस्य करने से काम कभी कम नहीं होता, बल्कि बढ़ जाता है। मेहनत और परिश्रम से ही सफलता मिलती है। आलसी गधे की कहानी आज भी गाँव में लोगों को मेहनत करने की प्रेरणा देती है।

Panchatantra Stories in Hindi

शेर और चूहा (Panchtantra kids story in Hindi)


एक जंगल में एक शक्तिशाली शेर रहता था, जिसका नाम गर्जन था। गर्जन अपनी ताकत और गर्जना के लिए प्रसिद्ध था। एक दिन, गर्जन एक पेड़ के नीचे गहरी नींद में सो रहा था। उसी समय, एक छोटा चूहा, जिसका नाम मिट्ठू था, वहाँ से गुजर रहा था। मिट्ठू ने शेर को नहीं देखा और अनजाने में उसके ऊपर चढ़ गया।

शेर की नींद टूट गई और वह गुस्से में मिट्ठू पर चिल्लाया। मिट्ठू डर के मारे काँपने लगा और शेर से माफी मांगने लगा। उसने कहा, “महाराज, कृपया मुझे माफ कर दीजिए। मैंने आपको परेशान करने का इरादा नहीं किया था।” शेर ने चूहे पर दया की और उसे जाने दिया।

कुछ समय बाद, जंगल में शिकारियों ने शेर को पकड़ लिया और उसे जाल में फंसा दिया। शेर ने जोर-जोर से गर्जना शुरू कर दी, लेकिन वह जाल से बाहर नहीं निकल पा रहा था। उसी समय, मिट्ठू वहाँ से गुजर रहा था और उसने शेर को मुसीबत में देखा। मिट्ठू ने तुरंत अपने दाँतों से जाल को काटना शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में, शेर जाल से मुक्त हो गया। शेर ने मिट्ठू का धन्यवाद किया और कहा, “तुमने मेरी जान बचाई, मिट्ठू।

आज मुझे समझ में आया कि छोटा होने का मतलब कमजोर होना नहीं होता।”

कहानी की सीख – Moral of the story

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर प्राणी का अपना महत्व होता है, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो। शेर और चूहे की कहानी आज भी जंगल में दोस्ती और सहयोग की मिसाल के रूप में सुनाई जाती है।


कछुआ और खरगोश (Best Hindi Moral Stories for Kids)


एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहते थे। खरगोश का नाम था तेजू और कछुआ का नाम था धीरू। तेजू अपनी तेज़ी के लिए जाना जाता था और वह अक्सर धीरू की धीमी गति का मजाक उड़ाता था।

एक दिन, तेजू ने धीरू को दौड़ की चुनौती दी। धीरू ने चुनौती स्वीकार कर ली और जंगल के सभी जानवर इस दौड़ को देखने के लिए इकट्ठा हो गए। दौड़ शुरू हुई और तेजू तेजी से आगे बढ़ने लगा, जबकि धीरू अपनी धीमी गति से चलता रहा।

तेजू ने देखा कि वह धीरू से काफी आगे निकल गया है और सोचा कि वह आसानी से जीत जाएगा। इसलिए उसने सोचा कि थोड़ी देर के लिए आराम कर लेना चाहिए। तेजू एक पेड़ के नीचे सो गया और धीरू धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा।

जब तेजू की नींद खुली, तो उसने देखा कि धीरू फिनिश लाइन के पास पहुँच चुका है। तेजू ने तेजी से दौड़ना शुरू किया, लेकिन तब तक धीरू ने दौड़ जीत ली थी। तेजू ने अपनी गलती से सीखा और धीरू की स्थिरता और धैर्य की प्रशंसा की। कछुआ और खरगोश की यह कहानी आज भी धैर्य और लगन की महत्वपूर्ण सीख देती है।

कहानी की सीख – Moral of the story

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि ‘धीरे और स्थिर रहने वाला हमेशा रेस जीतता है।’

Hindi Animal Stories for Kids

बंदर और मगरमच्छ ( Short stories for kids in Hindi)


एक नदी के किनारे एक बड़ा और घना पेड़ था, जिस पर एक बंदर रहता था। उसका नाम था चंचल। चंचल उस पेड़ पर खुशी-खुशी अपना जीवन बिताता था, जहाँ उसे ताजे फल खाने को मिलते थे। एक दिन, नदी में रहने वाला एक मगरमच्छ, जिसका नाम गोपाल था, उस पेड़ के पास आया। चंचल ने गोपाल को देखा और उसे कुछ फल फेंककर दिए। गोपाल को वे फल बहुत पसंद आए, और इस तरह उन दोनों की दोस्ती हो गई।

रोज़ गोपाल उस पेड़ के पास आता, और चंचल उसे फल खिलाता। एक दिन, गोपाल की पत्नी ने उससे कहा कि वह चंचल को उनके घर भोजन पर बुलाए। उसकी असली योजना चंचल का दिल खाने की थी, क्योंकि उसने सुना था कि जो बंदर फल खाता है, उसका दिल बहुत स्वादिष्ट होता है।

गोपाल ने अनिच्छा से चंचल को अपने घर आने का निमंत्रण दिया। चंचल ने जब सुना कि उसे नदी पार करनी होगी, तो उसे संदेह हुआ। वह बुद्धिमान था और उसने योजना बनाई। वह गोपाल की पीठ पर बैठ गया और नदी पार करने लगे। बीच रास्ते में, गोपाल ने अपनी पत्नी की योजना चंचल को बता दी।

चंचल ने तुरंत कहा, “अरे! मेरा दिल तो मैं पेड़ पर ही छोड़ आया हूँ। चलो वापस चलते हैं, मैं अपना दिल लेकर आता हूँ।” गोपाल ने वापस जाकर चंचल को पेड़ पर छोड़ दिया। चंचल पेड़ पर चढ़ गया और वापस नहीं आया।

कहानी की सीख – Moral of the story

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि बुद्धिमत्ता और सूझ-बूझ से किसी भी मुसीबत से बचा जा सकता है। चंचल ने अपनी चतुराई से खुद को बचाया और गोपाल को भी एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया।

बुद्धिमान बकरी


एक गाँव में एक बुद्धिमान बकरी रहती थी, जिसका नाम था गौरी। गौरी अपने तेज दिमाग और समझदारी के लिए जानी जाती थी। वह अक्सर गाँव के बच्चों के साथ खेलती और उन्हें अपनी बुद्धिमत्ता से प्रभावित करती ।

एक दिन, एक भूखा भेड़िया गाँव के पास आया। उसने गौरी को देखा और उसे खाने की सोची। भेड़िया गौरी के पास पहुँचा और उसे खाने के लिए दौड़ा। लेकिन गौरी बहुत चतुर थी। गौरी ने तुरंत एक योजना बनाई। उसने भेड़िये से कहा, “मैं जानती हूँ कि तुम मुझे खाना चाहते हो, लेकिन मैंने सुना है कि जंगल के दूसरी तरफ बहुत सारे बकरियाँ हैं। अगर तुम मुझे छोड़ दो, तो मैं तुम्हें वहाँ तक ले चलूँगी।”

भेड़िया गौरी की बातों में आ गया और उसके पीछे-पीछे चल पड़ा। गौरी ने भेड़िये को जंगल के एक गहरे कुएँ के पास ले जाया। वहाँ पहुँचकर, गौरी ने कहा, “देखो, वहाँ पर बहुत सारी बकरियाँ हैं।” भेड़िया ने जब कुएँ में झांका, तो उसे अपनी ही परछाई दिखाई दी। उसने सोचा कि वह बकरियाँ हैं और कुएँ में कूद पड़ा।

इस तरह, गौरी ने अपनी बुद्धिमत्ता से न केवल खुद को बचाया, बल्कि गाँव की अन्य बकरियों को भी भेड़िये से बचा लिया। गाँव वाले गौरी की बुद्धिमत्ता की प्रशंसा करने लगे, और गौरी गाँव में एक नायक के रूप में जानी जाने लगी।

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जंगल का रहस्य


एक छोटे से गाँव में चार दोस्त रहते थे – अर्जुन, मीरा, विवेक, और सोनिया । उन्हें रोमांचक और रहस्यमयी जगहों की खोज करना बहुत पसंद था। उनके गाँव के पास एक घना जंगल था, जिसके बारे में कहा जाता था कि वहाँ कुछ रहस्यमयी चीजें छिपी हुई हैं।

एक दिन, उन्होंने उस जंगल का रहस्य जानने का निर्णय लिया। वे चारों सुबह-सुबह अपने रोमांचक सफर के लिए निकल पड़े। उन्होंने अपने साथ खाने-पीने की चीजें, एक नक्शा, और कुछ जरूरी सामान लिया। जंगल में प्रवेश करते ही उन्हें विचित्र पक्षियों की आवाजें और अनोखे पेड़-पौधे दिखाई दिए। वे जंगल में गहराई तक गए और वहाँ उन्हें एक पुराना मंदिर मिला।

मंदिर के आसपास कुछ प्राचीन मूर्तियाँ और खंडहर थे। उन्होंने मंदिर के अंदर जाने का फैसला किया। मंदिर के अंदर उन्हें एक पुरानी गुफा का रास्ता मिला। गुफा के अंदर उन्हें कई प्राचीन चित्र और लिपियाँ मिलीं। वहाँ एक बड़ी सी पेटी भी थी, जिसमें पुराने सिक्के और गहने थे। उन्होंने उस पेटी को खोला और पाया कि वह खजाने से भरी हुई थी।

उन्होंने उस खजाने की खोज की और उसे गाँव वालों के साथ बाँटने का निर्णय लिया। उनकी इस खोज ने उन्हें गाँव में हीरो बना दिया।

उन्होंने जंगल के रहस्य को सुलझाया और साथ ही गाँव के लोगों की मदद भी की। इस अद्भुत रोमांचक सफर ने उन्हें जीवन के कई महत्वपूर्ण सबक सिखाए।

खजाने की खोज


एक छोटे से शहर में रहने वाले पाँच बच्चे – रोहन, सिमरन, अनुज, निधि, और आयुष – ने एक दिन एक पुरानी किताब में छिपे खजाने के नक्शे के बारे में सुना। उन्होंने उस खजाने को ढूँढने का निश्चय किया। वे सभी अपने रोमांचक खोज के लिए निकल पड़े। उन्होंने अपने साथ खाने-पीने की चीजें, एक कम्पास, और नक्शा लिया। नक्शे के अनुसार, उन्हें एक पुराने किले के खंडहरों तक जाना था।

उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की और जंगलों, पहाड़ों, और नदियों को पार किया। उनकी यात्रा में कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। आखिरकार, वे उस पुराने किले के खंडहरों तक पहुँचे। किले के खंडहरों में उन्हें कई पुरानी मूर्तियाँ और गुप्त दरवाजे मिले। उन्होंने नक्शे के अनुसार एक गुप्त कमरे का पता लगाया, जहाँ खजाना छिपा हुआ था।

उन्होंने उस कमरे को खोला और पाया कि वहाँ सोने-चाँदी के सिक्के, गहने, और कीमती पत्थर भरे हुए थे। बच्चों ने उस खजाने को अपने शहर वापस लाया और उसे शहर के म्यूजियम में रखवाया। उनकी इस खोज ने उन्हें शहर में हीरो बना दिया।

उन्होंने न केवल एक खोया हुआ खजाना ढूँढा, बल्कि अपने साहस और दोस्ती की मिसाल भी पेश की।

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चाँद की दोस्ती


एक सुंदर गाँव में एक छोटी सी लड़की रहती थी, जिसका नाम था अनन्या । अनन्या को रात के समय आसमान में चमकते चाँद को देखना बहुत पसंद था। वह हर रात अपनी खिड़की से चाँद को निहारती और उससे बातें करती। उसके लिए चाँद उसका दोस्त था।

एक रात, जब अनन्या अपनी खिड़की से चाँद को देख रही थी, तो उसे लगा कि चाँद उससे मुस्कुरा रहा है। उसने चाँद से कहा, “काश, तुम मेरे पास आ सकते और हम साथ खेल सकते।” उस रात, अनन्या को एक सपना आया कि चाँद उसके पास आया और उसे एक जादुई दुनिया में ले गया।

उस जादुई दुनिया में, चाँद ने अनन्या को तारों की नदी, बादलों के पहाड़ और रंग-बिरंगे आकाशीय फूल दिखाए। वहाँ उन्होंने तारों के साथ खेला, बादलों पर उछल-कूद की और चाँदनी से भरे झील में तैरे। अनन्या ने वहाँ अपने जीवन के सबसे खूबसूरत पल बिताए।

जब सुबह हुई, अनन्या ने पाया कि वह अपने बिस्तर पर है और सब कुछ एक सपना था। लेकिन उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान थी। उसे एहसास हुआ कि चाँद के साथ उसकी दोस्ती सिर्फ एक कल्पना नहीं थी, बल्कि एक खूबसूरत अनुभव था। उस दिन के बाद, जब भी अनन्या चाँद को देखती, वह मुस्कुरा देती। उसे पता था कि चाँद हमेशा उसका दोस्त रहेगा, चाहे वह जादुई दुनिया में हो या अपने खिड़की के पास।

अनन्या और चाँद की दोस्ती ने उसे सिखाया कि कल्पना की दुनिया में भी खूबसूरत रिश्ते और यादें बन सकती हैं।

राजकुमारी की नींद


एक दूर देश में, एक सुंदर राजकुमारी रहती थी, जिसका नाम था अवन्तिका। अवन्तिका बहुत ही दयालु और सुंदर थी। उसकी एक खासियत थी – जब भी वह सोती, उसे सपनों की एक अद्भुत दुनिया में ले जाया जाता। उसके सपने इतने विविध और जीवंत होते कि वह हर सुबह एक नई कहानी के साथ जागती।

एक रात, जब अवन्तिका सोई, तो उसे एक जादुई सपना आया। उस सपने में, वह एक रहस्यमयी वन में थी, जहाँ पेड़ों पर रत्न लगे होते थे और नदियाँ सोने की चमक लिए होती थीं। वहाँ उसे एक बुद्धिमान बूढ़ा जादूगर मिला, जिसने उसे एक खोये हुए राज्य की कहानी सुनाई।

जादूगर ने बताया कि उस राज्य को बचाने के लिए एक विशेष मणि की जरूरत है, जो एक खतरनाक ड्रैगन के पास है। अवन्तिका ने उस राज्य की मदद करने का फैसला किया। उसने जादूगर के साथ मिलकर उस ड्रैगन का सामना किया। उन्होंने ड्रैगन के गुफा में प्रवेश किया और वहाँ उन्हें वह मणि मिली। ड्रैगन ने उन्हें देख लिया और उन पर हमला कर दिया।

लेकिन अवन्तिका ने अपनी बुद्धिमत्ता और साहस से ड्रैगन को पराजित किया और मणि को सुरक्षित निकाल लिया। जब वह मणि उस खोये हुए राज्य में लौटाई गई, तो वहाँ फिर से खुशियाँ और समृद्धि आ गई। अवन्तिका को उस राज्य की रानी के रूप में सम्मानित किया गया।

जब अवन्तिका सुबह उठी, तो उसे एहसास हुआ कि यह सब एक सपना था।

लेकिन उस सपने ने उसे यह सिखाया कि साहस और बुद्धिमत्ता से किसी भी मुश्किल का सामना किया जा सकता है। अवन्तिका ने उस सपने को अपने दिल में संजो लिया और हमेशा उससे प्रेरणा लेती रही।

साधना | Hindi Short Stories with Moral Value

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में नदी के किनारे पर एक साधू की कुटीया थी| एक दिन साधू ने देखा की उनकी कुटिया के सामने वाली नदी में एक सेब तेरता हुआ आ रहा है|

साधू ने सेब को नदी से निकाला और अपनी कुटिया में ले आए| महात्मा सेब को खाने ही वाले थे की तभी उनके अंतरमन से एक आवाज आई – “क्या यह तेरी सम्पति है ? यदि तुमने इसे अपने परिश्रम से पैदा नहीं किया है तो क्या इस सेब पर तुम्हारा अधिकार है ?

अपने अंतर्मन कि आवाज सुन साधू को आभास हुआ की उसे इस फल को रखने और खाने का कोई अधिकार नहीं है| इतना सोचकर साधू सेब को अपने झोले में डाककर सेब के असली स्वामी की खोज में निकल पड़े|

थोड़ी दूर जाने पर साधू को एक सेब का बाग़ दिखाई दिया| उन्होंने बाग के स्वामी से जाकर कहा – “आपके पेड से यह सेब गिरकर नदी में बहते-बहते मेरी कुटिया तक आ गया था, इसलिए में आपकी संपत्ति लौटाने आया हूँ|”

वह बोला, “महात्मा, में तो इस बाग़ का रखवाला मात्र हूँ! इस बाग़ की स्वामी राज्य की रानी है|” बाग़ के रखवाले की बात सुनकर साधू महात्मा सेब को देने रानी के पास पहुंचे| रानी को जब साधू के सेब को यहाँ तक पहुँचाने के लिए लम्बी यात्रा की बात पता चली तो वह बहुत आश्चर्यचकित हुई|

उन्होंने एक छोटे से सेब के लिए इतनी लम्बी यात्रा का कारण साधू से पूछा| साधू बोले, “महारानी साहिबा! यह यात्रा मैंने सेब के लिए नहीं बल्कि अपने ज़मीर के लिए की है| यदि मेरा ज़मीर भ्रष्ट होई जाता तो मेरी जीवन भर की तपस्या नष्ट हो जाती|

साधू की ईमानदारी से महारानी बड़ी प्रसन्न हुई और उन्होंने साधू महात्मा को राजगुरु की उपाधि से सम्मानित कर उन्हें अपने राज घराने में रहने का निमंत्रण दिया|

कहानी की सीख – Moral of the story

इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि हमें हर परिस्थिति में इमानदार रहना चाहिए क्योंकि इमानदार व्यक्ति हमेशा सम्मान पाता है|