झूठ बोलने वाला लड़का – मोरल स्टोरी
एक किसान था जिसके पास कई भेड़ें थीं।
एक किसान ने अपने बेटे से अपनी भेड़ों के झुंड को प्रतिदिन चराने के लिए कहा।
किसान का लड़का प्रतिदिन भेंड़ों को चराने के लिए ले जाया करता था।
एक दिन जब लड़का भेड़ों को चरा रहा था, तो उसने कुछ मज़ा करने का फैसला किया।
और, वह झूठ में चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया!”।
यह सुनकर ग्रामीण भेड़िये को भगाने में उसकी मदद के लिए दौड़ पड़े।
जैसे ही वे उसके पास पहुँचे, उन्होंने महसूस किया कि वहाँ कोई भेड़िया नहीं था और वह केवल मज़ाक कर रहा था।

ग्रामीण गुस्से में थे और उन्होंने झूठा मजाक करने और दहशत पैदा करने के लिए लड़के पर चिल्लाना शुरू कर दिया।
अगले दिन फिर लड़का चिल्लाया “भेड़िया! भेड़िया!” बार-बार ग्रामीण उसकी मदद के लिए आते और देखते कि कोई भेड़िया नहीं है। इससे उन्हें फिर से बहुत गुस्सा आया।
उसी दिन, लड़के ने एक वास्तविक भेड़िया देखा जो भेड़ों को आतंकित कर रहाथा। लड़का चिल्लाया “भेड़िया! भेड़िया! कृपया मेरी मदद करें” और कोई ग्रामीण नहीं आया क्योंकि उनका मानना था कि लड़का फिर से मजाक कर रहा था।
और देखते ही देखते उसकी सभी भेंड़ों को भेड़िये ने मार डाला।
लड़के को किसान ने बहुत डांटा।
Short Moral Story – The Boy and the Wolf
कहानी की सीख – Moral of the story
लोगों के भरोसे के साथ मत खेलो, क्यूंकि जब आपको उनकी सबसे ज्यादा जरुरत होगी तो वो आप पर विश्वास नहीं करेंगे।
माता पिता के लिए
सबसे अच्छी बात यह है कि कम उम्र से ही नैतिक कहानियाँ (Moral Stories) पढ़ने से न केवल आपके बच्चे को जीवन के महत्वपूर्ण सबक सीखने में मदद मिलती है बल्कि यह भाषा के विकास में भी मदद करता है।
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